माइग्रेन मूल रूप से मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी होती है जो सर के दर्द के रूप में होती है लेकिन ये आम सिर दर्द से काफी जुदा होती है । इस बीमारी में सिर का दर्द इस हद तक बढ़ जाता है कि सह पाना काफी मुश्किल होता है। आमतौर पर माइग्रेन का दर्द आधे सिर में होता है लेकिन कई लोगों को पूरे सिर में भी माइग्रेन का दर्द होता है।
सिर दर्द और माइग्रेन कैसे हैं भिन्न (How Are Headaches and Migraines Different)?
आमतौर पर लोगों को सिर दर्द की समस्या हो जाती है कई बार ऑफिस में कार्य करने वाले वर्किंग लोगों को निरंतर कंप्यूटर के आगे बैठने से भी सिर दर्द हो जाता है लेकिन सिर दर्द और माइग्रेन में काफी भिन्नता होती है सिर का दर्द ज्यादातर कुछ मिनट या फिर घंटे तक ही आपको परेशान कर सकता है लेकिन माइग्रेन का दर्द ऐसा होता है जिसमें इंसान के लिए सिरदर्द को सह पाना काफी मुश्किल हो जाता है यही नहीं माइग्रेन के दर्द से दैनिक चर्या के काम भी बाधित हो सकते हैं क्योंकि यह दर्द इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि इंसान किसी काम को करने की स्थिति में नहीं रहता और माइग्रेन की वजह से आपको बार-बार सिरदर्द होता है और इससे दिनचर्या प्रभावित होती है। यही नहीं आम तौर पर सामान्य सिर का दर्द आपको जागी हुई अवस्था में ही होता है लेकिन माइग्रेन का दर्द मुख्य तौर पर निद्रा की अवस्था में ही होता है जो आपको गहरी नींद से भी जगा सकता है।
माइग्रेन के कारण(Causes of Migraine)-
ऐसा माना जाता है कि माइग्रेन दिमाग में नाड़ियों, रसायन और रक्त कोशिकाओं में कुछ समय के लिए होने वाले परिवर्तन की वजह से होता है जिस कारण सिर में काफी दर्द होता है जो असहनीय होता है ऐसी स्थिति में इंसान को कई बार प्रकाश व तेज़ आवाज से दिक्कत होती है या फिर उल्टी आने को भी होती है।
माइग्रेन के लक्षण (Symptoms of Migraine)
- सिर के एक तरफ़ तेज़ दर्द: माइग्रेन का सबसे प्रमुख लक्षण सिर के एक तरफ़ बहुत तेज़, धड़कने जैसा दर्द होता है, जो कभी-कभी दोनों तरफ़ भी महसूस हो सकता है।
- मतली और उल्टी: माइग्रेन के दौरान कई लोगों को मतली महसूस होती है और कुछ को उल्टी भी हो सकती है।
- प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता: माइग्रेन के दौरान प्रकाश और आवाज़ के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता हो जाती है। कुछ लोगों को तेज़ रोशनी या आवाज़ से दर्द बढ़ जाता है।
- दृष्टि संबंधी समस्याएं (औरा): कुछ माइग्रेन पीड़ितों को दृष्टि में समस्याएं होती हैं, जैसे कि धुंधला दिखना, ज़िगज़ैग लाइन्स देखना, या चमकती हुई रोशनी का अनुभव होना। इसे “औरा” कहते हैं।
- थकान और चिड़चिड़ापन: माइग्रेन के दौरान और बाद में अत्यधिक थकान और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है।
- चक्कर आना: माइग्रेन के दौरान चक्कर आना या संतुलन में कमी भी हो सकती है।
- आंखों में दर्द: सिरदर्द के साथ आंखों के आसपास या पीछे दर्द होना भी माइग्रेन का लक्षण हो सकता है।
- बोलने में कठिनाई: माइग्रेन के दौरान कुछ लोगों को बोलने में कठिनाई हो सकती है या शब्दों को सही से बोल पाने में समस्या हो सकती है।
- जी मिचलाना: कई बार माइग्रेन के दौरान पेट में मरोड़ या जी मिचलाने जैसा महसूस होता है।
- गर्दन में अकड़न: माइग्रेन के पहले या दौरान गर्दन में अकड़न और जकड़न भी महसूस हो सकती है।
ये लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं और माइग्रेन की गंभीरता के आधार पर इनमें अंतर हो सकता है।
माइग्रेन के अलग-अलग चरण (Different Stages of Migraine)?
- प्रोड्रोम (Prodrome) – माइग्रेन की इस अवस्था में व्यक्ति को माइग्रेन होने से कुछ दिन पहले ही शरीर में बदलाव देखने को मिल जाते हैं जैसे ऐसी स्थिति में कब्ज की शिकायत रहती है या फिर बार-बार प्यास लगना और पेशाब जाना या फिर गर्दन में अकड़न भी माइग्रेन के प्रोड्रोम चरण की ओर इशारा करते हैं।
- औरा (Aura) – माइग्रेन का दर्द वैसे तो कभी भी उठ जाता है लेकिन औरा माइग्रेन का ऐसा चरण है जिसमें आमतौर पर पहले ही या फिर माइग्रेन के दौरान ही इंसान को परेशानी होने लगती है जैसे कि जिगजैग विजन या फिर हल्का दिखने के साथ ही रौशनी से भी तकलीफ होने लगती है।
- अटैक (Attack)- माइग्रेन के इस चरण में मरीज के आधे सिर में या फिर दोनों तरफ असहनीय दर्द होता है और यदि व्यक्ति किसी मनोचिकित्सक से इलाज नहीं करवाता है तो ऐसे में इसका प्रभाव लगभग 4 घंटे से लेकर 3 दिन तक मरीज को परेशान कर सकता है। इसको पहचानने के कई लक्षण होते हैं जैसे इस अवस्था में मरीज को बेहोशी उल्टी या फिर प्रकाश से दिक्कत होने लगती है। ऐसी स्थिति में मरीज को जल्द से जल्द डॉक्टर के पास ले जाना आवश्यक
- पोस्ट ड्रोम (Postdrome)- पोस्ट ड्रोम माइग्रेन का अंतिम चरण होता है जिसमें मरीज को तेज आवाज से या फिर चमकीली चीजों से दिक्कत होने लगती है। इसके साथ ही मरीज कमजोरी और थकान महसूस करता है ।
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